सती अनुसूईया ने सीता जी को दिया पति धर्म उपदेश, शूर्पणखा नासिका भंग, सीता हरण तक हुआ लीला मंचन
सती अनुसूईया ने सीता जी को दिया पति धर्म उपदेश, शूर्पणखा नासिका भंग, सीता हरण तक हुआ लीला मंचन
फरीदपुर (बरेली)। 16 अक्टूबर रविवार श्री आदर्श रामलीला प्रबंध समिति के तत्वधान में चल रही रामलीला महोत्सव मंचन में जानकी जी को मां अनुसुइया द्वारा नारी धर्म के उपदेश, शूर्पणखा नासिक भंग, एवं सीता हरण लीला का मंचन हुआ। भाजपा आंवला जिला अध्यक्ष वीर सिंह पाल जी द्वारा श्री आदर्श रामलीला मंडल वृंदावन मथुरा के निर्देशक पवन देव चतुर्वेदी व्यास जी व श्रीराम का पूजन कर मंचन लीला का शुभारंभ किया गया। व सती अनुसुइया ने वन में भटक रहे भगवान राम, लक्ष्मण के साथ माता सीता से भेंट की। इस दौरान माता सीता को पतिव्रत धर्म का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि पति परमेश्वर के समान है। जयंत परीक्षा के साथ वह चित्रकूट धाम से पंचवटी की ओर बढ़ने लगे व सूपर्णखां राक्षसी का रामचंद्र जी को देखकर मोहित होना, लक्ष्मण द्वारा नाक- कान काटना।
पंचवटी में रावण की बहन सूर्पनखा विचरती हुई पहुंचती है। राम लक्ष्मण को देखकर मोहित हो जाती है। वह राम व लक्ष्मण से बारी-बारी से विवाह का प्रस्ताव देती है दोनों मना कर देते हैं कहते हैं कि उनकी शादी हो चुकी है, ऐसे में दूसरी शादी नहीं कर सकते तो वह गुस्से में सीता की ओर झपटती है तो लक्ष्मण ने सूर्पनखा का नाक काट देते हैं। वह खर, दूषण के पास जाती है बुआ की कटी नाक देख कर दूषण राम और लक्ष्मण से युद्ध करने जाते है और बीर गति को प्राप्त हो जाते है उनकी मृत्यु के बाद सूर्पनखा रावण के पास जाती है और आपबीती बताती है। रावण सोच में पड़ जाता है। वह सोचता है कि खरदूषण का मारा जाना कोई साधारण बात नहीं है। अपने मित्र मारीच को रावण माया मृग बनाकर पंचवटी में जाने को कहता है। सीता मैया श्रीराम को उस मृग को लाने को कहती हैं। राम और लक्ष्मण माया मृग के पीछे चले जाते हैं। इसी बीच रावण साधु का वेश बनाकर आता है और सीता का हरण कर ले जाता है।हरण कर कर ले जाते वक्त गिद्ध राज जटायु रावण को रोकने का प्रयास करते है पर रावण द्वारा जटायु का पंख को काट दिया जाता है हजारो की संख्या में राम लीला मंचन देखने आए ग्रामीण भाव विभोर हो जाते है।
इस दौरान मेला कमेटी के आतिश अग्रवाल (अध्यक्ष), विकास अग्रवाल शानू (महामंत्री), ब्रह्मा शंकर गुप्ता (कोषाध्यक्ष), प्रभुजीत सिंह, महावीर जयसवाल (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), सौरभ अग्रवाल (ऑडिटर), सर्वेश अग्रवाल बवलू (मुख्य मेंला प्रबंधक), प्रतुल अग्रवाल (मेला प्रभारी) , एड0ओमवीर गुर्जर (कानूनी सलाहकार), आदित्य गुप्ता (मीडिया प्रभारी), संदीप मोहन अग्रवाल (स्टेजप्रभारी), उज्जवल अग्रवाल (सहायक स्टेज प्रभारी), शैलेश सिंह, दिनेश सिंह, अनुज पांडे, पुष्पेंद्र यादव, नितिन अग्रवाल लोहा, विजय कुमार गौड़, विकास अग्रवाल चंदा, अमित पांडे, प्रतीक सिंघल, सत्यम गुप्ता, प्रियंक अग्रवाल लोहा, राकेश सिंह, (उपाध्यक्ष) आदि उपस्थित रहे
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