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राम राज्य अभिषेक शोभायात्रा से भक्तिमय हुआ माहौल

फरीदपुर (बरेली )। 09 नवम्बर बृहस्पतिवार 46वां श्री आदर्श रामलीला प्रबंध समिति की ओर से श्री रामराजगद्दी शोभायात्रा धूमधाम केे साथ निकाली गई। सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से नगर की पुलिस मौजूद रही।बृहस्पतिवार को रावण वध के बाद श्री राम राज गद्दी व रात्रि श्री राधे कृष्ण महारास व फूलों की होली भावपूर्ण मंचन किया गया। जगह-जगह पुष्प वर्षा कर श्रीराम बरात का स्वागत किया गया। शोभायात्रा में विभिन्न प्रकार की झांकियां मुख्य आकर्षक का केंद्र रहीं। श्री राम राजगद्दी शोभा यात्रा का विधिवत पूजन करके किया। शोभायात्रा में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के स्वरूप, गुरु विश्वामित्र, भगवान गणेश, हनुमान, शंकर-पार्वती, राधा-कृष्ण की झांकियां दर्शकों का मन मोह रही थी। बैंड बाजों की धुन पर लोग भगवान श्रीराम की बारात में नाचते गाते जयकारा लगाते हुए चल रहे थे। श्रीराम रााजगदी शोभायात्रा सीएस इंटर कॉलेज रामलीला ग्राउंड से होते हुए स्टेशन रोड , मोहल्ला बक्सरिया, मोहल्ला साहूकारा, मेन रोड, फर्रुख्पुर व सत्संग भवन से होते हुए रामलीला ग्राउंड में पहुंचकर संपन्न हुई। जहां धूमधाम से भगवान श्री रामराज्य अभिष

अहिरावण व रावण का वध होते ही लगे जय श्री राम के जयकारे

फरीदपुर (बरेली)। 8 नवम्बर बुधवार श्री आदर्श रामलीला प्रबंध समिति के तत्वधान में चल रही रामलीला महोत्सव मंचन मे कुंभकरण वध, मेघनाथ वध, सुलोचना सती एवं अहिरावण वध व रावण वध लीला का भव्य मंचन हुआ। श्री आदर्श रामलीला मंडल वृंदावन मथुरा के निर्देशक पवन देव चतुर्वेदी व्यास जी द्वारा मंचन में कुंभकरण वध व मेघनाद की मृत्यु के बाद रावण असहाय महसूस करता है और सोचता है सारे योद्धा एक-एक करके मारे गए। अब कौन है, जो इस समय मेरी सहायता करेगा। तब उसे अपने बेटे पाताल के राजा अहिरावण का ध्यान आता है। रावण अपनी माया शक्ति से अहिरावण को बुलाता है और उसे युद्ध मे जाने के लिए कहता है। अहिरावण अपने पिता को कहता है कि आपने एक पराई स्त्री के लिए कुंभकर्ण व मेघनाद जैसे महायोद्धा कुर्बान कर दिए और अब मेरे पास आए हो। लेकिन वह बेटा किस काम का जो मुसीबत के समय काम न आए। इसलिए मैं युद्ध में जरूर जाऊंगा और श्रीराम के हाथों मारे जाने से अच्छी बात मेरे लिए और क्या होगी। अहिरावण युद्ध मे जाता है और मायावी शक्ति से श्रीराम व लक्ष्मण का अपहरण कर पाताल में ले आता है। हनुमान अहिरावण का वध करके राम लक्ष्मण को छुड़ा कर ल

रामलीला में हुआ जालंधर वध का मनोहर मंचन देख रोमांचित हुए दर्शक

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फरीदपुर (बरेली) । 06 नवम्बर सोमवार श्री आदर्श रामलीला प्रबंध समिति के तत्वधान में चल रही रामलीला महोत्सव मंचन मे जालंधर वध का भव्य मंचन हुआ। देवराज इंद्र की जिद से महादेव जब क्रोधित हुए तो जालंधर उत्पन्न हुआ। उसने अपने तपोबल से तमाम शक्तियां हासिल की और अजेय हो गया। उसकी पत्नी वृंदा भी पतिव्रता थी। इस कारण वह और शक्तिशाली हो गया। बाद में छल के जरिए भगवान विष्णु व शंकर मिलकर उसका वध कर देते हैं और पूरा पंडाल रोमांचित हो उठता है।       श्री आदर्श रामलीला मंडल वृंदावन मथुरा के निर्देशक पवन देव चतुर्वेदी व्यास जी द्वारा मंचन प्रस्तुत किया तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। पूरा पंडाल जयकारों से गूंज उठा। जब जालंधर अपनी शक्तियों के मद में चूर होकर त्रिदेव से ही लड़ने पर आमादा हो जाता है तो भगवान विष्णु लीला करके विश्व मोहिनी का अवतार करवाते हैं। इस सुंदरी का नाम वृंदा होता है और जालंधर से उसकी शादी होती है। भगवान विष्णु छल के द्वारा वृंदा का पतिव्रत भंग कर देते हैं और भगवान शंकर जालंधर का वध कर देते हैं। जब वृंदा को इस छल का पता चलता है, तो वह भगवान विष्णु को पत्थ

सीता हरण के बाद श्री राम जी का किष्किंधा पर्वत पर श्री राम-हनुमान जी का मिलन हुआ।

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फरीदपुर (बरेली)। 04 नवम्बर श्री आदर्श रामलीला प्रबंध समिति के तत्वधान में चल रही रामलीला महोत्सव मंचन मे शबरी पर कृपा, श्री राम हनुमान मिलन , जानकी जी की खोज का भव्य मंचन हुआ। श्री आदर्श रामलीला मंडल वृंदावन मथुरा के निर्देशक पवन देव चतुर्वेदी व्यास जी द्वारा मंचन में जब हनुमान जी और प्रभु राम के मिलन का मंचन किया तो दर्शक उस दृश्य को देखकर भावुक हो उठे। बहन की कटी नाक का बदला लेने के लिए दोनों भाई खर और दूषण राम-लक्ष्मण से भिड़ते हैं और लड़ते-लड़ते मारे जाते हैं। इसके बाद शूर्पणखा राजा व अपने भाई रावण के दरबार में पहुंचती है और सारा वृतांत सुनाती हैं। अपनी बहन का यह हाल देखकर रावण क्रोधित होता है और सीता जी के हरण की योजना बनाता है। पंचवटी में भगवान राम के निवास के दौरान सुंदरकांड के सबसे अधिक रोमाचकारी प्रसंग सामने आते हैं। सीता जी की खोज में प्रभु श्रीराम किष्किंधा पर्वत पर पहुंचते हैं। रास्ते में उनकी भेंट हनुमानजी से हो जाती है। हनुमान शंका के चलते राम व लक्ष्मण की परीक्षा लेते हैं। प्रभु को पहचान कर हनुमान उनकी चरण वंदना करते हैं। द

सीता माता की खोज कर हनुमान जी ने किया लंका दहन।

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फरीदपुर (बरेली)। 05 नवंबर । रविवार श्री आदर्श रामलीला प्रबंध समिति के तत्वधान में चल रही रामलीला महोत्सव मंचन मे वाली वध, जानकी जी की खोज व हनुमान जी द्वारा लंका दहन का भव्य मंचन हुआ। श्री आदर्श रामलीला मंडल वृंदावन मथुरा के निर्देशक पवन देव चतुर्वेदी व्यास जी द्वारा मंचन में  सुग्रीव अपने भाई बाली से बचकर पर्वत पर रह रहे थे। श्रीराम सुग्रीव को बताते हैं कि सीता को लंका का राजा रावण हरण करके ले गया है। उसकी खोज में हम निकले हैं। सुग्रीव प्रभु को आप बीती सुनाते हैं। प्रभु सुग्रीव को पत्नी और राज्य वापस दिलाने का भरोसा देते हैं। भगवान श्रीराम, भ्राता लक्ष्मण की सुग्रीव से मित्रता के प्रसंग के आगे की कथा का मंचन कराया गया। भगवान राम मित्र सुग्रीव के भाई बाली का वध करते हैं। सीता माता की खोज के लिए अंगद कहते हैं कि हनुमान जी से शक्तिशाली कोई नहीं है और समुद्र को सिर्फ वही लांघ सकते हैं। लेकिन तब हनुमान जी अपनी शक्तियां भूल चुके होते हैं। तब जामवंत हनुमान जी को उनकी शक्तियां याद दिलाते हैं। शक्तियां याद आने के बाद समुद्र लांघकर वे लंका पहुंच जाते हैं।

लक्ष्मण द्वारा सूर्पनखा की काटी गई नाक व खर दूषण का हुआवध

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फरीदपुर (बरेली)। 03 नवंबर शुक्रवार श्री आदर्श रामलीला प्रबंध समिति के तत्वधान में चल रही रामलीला महोत्सव मंचन मे जयंत प्रसंग, संत मिलन, पंचवटी पर सूर्पनखा नासिका भंग, खर दूषण वध मंचन किया गया। श्री आदर्श रामलीला मंडल वृंदावन मथुरा के निर्देशक पवन देव चतुर्वेदी व्यास जी द्वारा मंचन लीला में लक्ष्मण द्वारा सूर्पनखा नासिका भंग जिसमे भगवान राम, लक्ष्मण और सीता को देखकर राम पर मोहित होकर सूर्पनखा उनसे शादी का प्रस्ताव रखती है। राम प्रस्ताव को ठुकराकर लक्ष्मण के सामने प्रस्ताव रखने की बात कहते हैं। लक्ष्मण को शादी करने के लिए कहने पर लक्ष्मण भाई की आज्ञा के बिना शादी न करने की बात कहते हैं। एक बार फिर सूर्पनखा राम के पास जाती है, तो वही जबाव मिलता है। इस पर गुस्साई सूर्पनखा सीता को बुरा भला कहती है। लक्ष्मण के पास जाकर राम को काले रंग का कहकर लक्ष्मण को रिझाने का प्रयास करती है। भाई के लिए अपशब्द सुनने पर लक्ष्मण कटार निकालकर सूर्पनखा की नाक काट देते हैं। सूर्पनखा दशानन रावण के पास जाती है और कहती है कि बन में दो लोग आए हुए हैं जिन्होंने यह हालत की है तभी रावण खर और द

श्रीराम वनवास व दशरथ मरण की लीला देख छलके आँसू

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फरीदपुर (बरेली)। 02 नवंबर बृहस्पतिवार श्री आदर्श रामलीला प्रबंध समिति के तत्वधान में चल रही रामलीला महोत्सव मंचन मे श्री राम वन गमन, केवट संवाद एवं दशरथ मरण लीला का भव्य मंचन हुआ। जिसमें भाजपा जिला अध्यक्ष आदेश प्रताप सिंह सिंह द्वारा पूजन कर लीला का शुभारंभ किया गया।  श्री आदर्श रामलीला मंडल वृंदावन मथुरा के निर्देशक पवन देव चतुर्वेदी व्यास जी द्वारा मंचन लीला में जिसमें सर्वप्रथम भगवन राम वनवास के लिए जाते हैं, जहां उनकी मुलाकात निषाद राज से हुई। भगवान ने निषाद राज से गंगा पार कराने के लिए केवट को बुलवाने को कहा। मगर केवट ने गंगा पार उतारने से मना कर दिया और कहा की आपके चरण रज से पत्थर की शिला नारी बन गयी थी, पता नहीं मेरी नाव का क्या होगा। केवट ने भगवान के सामने शर्त रखी कि नाव में बैठाने से पहले पांव पखारने होंगे। जिसपर भगवान श्रीराम अपने चरण धोने के लिए केवट को बोलते हैं, इसके बाद केवट रामजी को गंगा में उतार देता है। वहीं अयोध्या में महाराज दशरथ श्री राम के वियोग में प्राण त्याग देते हैं। भरत ननिहाल से लौटते हैं तो श्रीराम के वनवास ए